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Showing posts from August, 2021

पपीता की उत्पादन तकनीक (Production Technology of Papaya)

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प्रस्तावना (Introduction) पपीता वानस्पतिक नाम - कैरीका पपाया कुल - कैरिकेसी उत्पत्ति स्थान - मैक्सिको गुणसूत्रों कि संख्या -2n=18 खाद्य योग्य भाग -मिसोकार्प  पपीता तेजी से बढ़ने वाला एवं शीघ्र उपज देने वाला फल है । क्षेत्रफल की  दृष्टि से यह पांचवा लोकप्रिय फल है। इसका फल स्वादिष्ट पौष्टिक एंव औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पपीता विटामिन 'ए' एंव 'सी' से भरपूर होता है। पपीते का फल उदर रोगियों के लिए अचूक औषधी का काम करता है । इसके कच्चे फलों से प्राप्त लेटेक्स से पपेन नामक एंजाइम तैयार किया जाता है, जिसकी औषधीय एंव औद्योगिक महत्ता है। राजस्थान में इसकी खेती भीलवाड़ा, भरतपुर, चित्तौरगढ़, दौसा, जयपुर, करौली व उदयपुर में की जाती है।  जलवायु (Climate) पपीता एक उष्ण जलवायु का पौधा है। गर्म एवं नम जलवायु इसके लिए अनुकूल है। पाला पपीता के लिए बहुत हानिकारक होता है । इसके लिए खुली धूप के साथ पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए। अधिक वर्षा वाले क्षेत्र पपीते की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। भूमि (Soil) इसकी सफल खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम रहती है। ...

अमरूद की उत्पादन तकनीक (Production Technology of Guava)

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परिचय  (Introduction)    अमरूद वानस्पतिक नाम - सिडियम ग्वाजावा कुल - मिर्टेसी उत्पत्ति स्थान - मेक्सिको गुणसूत्रों की संख्या - 2n=22  खाद्य योग्य भाग -  थैलमस व पेरिकार्प  हमारे देश में अमरूद एक लोकप्रिय फल है। यह विभिन्न प्रकार की मृदाओं एवं जलवायु में पैदा किया जा सकता है। अत्यन्त सहिष्णु स्वभाव के कारण इसे बहुत कम देख रेख की आवश्यकता पड़ती है। उत्तरी भारत में अमरूद की वर्ष में तीन बार फसल ली जा सकती है। इसके ताजा फल विटामिन ‘सी’ के अतिरिक्त कैल्शियम, फास्फोरस एवं पैक्टिन के अच्छे स्रोत है। अमरूद के फल से परिरक्षित पदार्थ जैसे जेम, जैली, चीज, टॉफी आदि तैयार किये जाते है।   पोषण मूल्य (Nutritional value)  क्र. सं   अवयव   मात्रा / 100 ग्राम   1.   कार्बोहाइड्रट      14.3 ग्राम   2.   प्रोटीन     2.6 ग्राम   3.   वसा  ...