पपीता की उत्पादन तकनीक (Production Technology of Papaya)
प्रस्तावना (Introduction) पपीता वानस्पतिक नाम - कैरीका पपाया कुल - कैरिकेसी उत्पत्ति स्थान - मैक्सिको गुणसूत्रों कि संख्या -2n=18 खाद्य योग्य भाग -मिसोकार्प पपीता तेजी से बढ़ने वाला एवं शीघ्र उपज देने वाला फल है । क्षेत्रफल की दृष्टि से यह पांचवा लोकप्रिय फल है। इसका फल स्वादिष्ट पौष्टिक एंव औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पपीता विटामिन 'ए' एंव 'सी' से भरपूर होता है। पपीते का फल उदर रोगियों के लिए अचूक औषधी का काम करता है । इसके कच्चे फलों से प्राप्त लेटेक्स से पपेन नामक एंजाइम तैयार किया जाता है, जिसकी औषधीय एंव औद्योगिक महत्ता है। राजस्थान में इसकी खेती भीलवाड़ा, भरतपुर, चित्तौरगढ़, दौसा, जयपुर, करौली व उदयपुर में की जाती है। जलवायु (Climate) पपीता एक उष्ण जलवायु का पौधा है। गर्म एवं नम जलवायु इसके लिए अनुकूल है। पाला पपीता के लिए बहुत हानिकारक होता है । इसके लिए खुली धूप के साथ पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए। अधिक वर्षा वाले क्षेत्र पपीते की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। भूमि (Soil) इसकी सफल खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम रहती है। ...