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अनार की उत्पादन तकनीक (Production Technology of Pomegranate)

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A   अनार वानस्पतिक नाम - पुनिका ग्रेनेटम कुल - पुनिकेसी उत्पत्ति स्थान - अफगानिस्तान (ईरान) गुणसूत्रों की संख्या - 2n= 18 खाद्य योग्य भाग = एरिल फल का प्रकार -बलुस्टा (परिर्तित बेरी ) अनार एक औषधीय महत्व वाला स्वास्थ्यवर्धक फल है। हमारे देश में यह पौराणिक काल से ही लोकप्रिय हैं तथा शास्त्रों में इसकी चर्चा कई स्थानों पर की गई है। इसका फल शर्करा, खनिज लवण एंव लोहे का प्रमुख स्त्रोत है। इसकी छाल में टेनिन भी पाया जाता है। भारत इसकी खेती का प्रमुख केन्द्र है व राजस्थान में इसकी खेती जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, पाली, उदयपुर, अजमेर, छित्तोरगढ़  एंव जयपुर में बहुतायत से की जाती है। जलवायु (Climate) यह ऊपोष्ण जलवायु का पौधा है। इसकी अच्छी बढ़वार व उपज के लिये गर्मियां अधिक गर्म व शुष्क तथा सर्दियां अधिक ठण्डी होनी चाहिए। वैसे यह शुष्क क्षेत्र का आदर्श फल है। अधिक मीठे फलों के लिए पकने के समय जलवायु शुष्क एवं तापक्रम उच्च रहना चाहिए। भूमि (Soil ) अनार विभिन्न प्रकार की मृदा में उगाया जा सकता है परन्तु गहरी, भारी दोमट मिट्टी जिसमें जल निकास अच्छा हो इसके लिये उपयुक्त रहती है। अनार की खेती ऐसी...

पपीता की उत्पादन तकनीक (Production Technology of Papaya)

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प्रस्तावना (Introduction) पपीता वानस्पतिक नाम - कैरीका पपाया कुल - कैरिकेसी उत्पत्ति स्थान - मैक्सिको गुणसूत्रों कि संख्या -2n=18 खाद्य योग्य भाग -मिसोकार्प  पपीता तेजी से बढ़ने वाला एवं शीघ्र उपज देने वाला फल है । क्षेत्रफल की  दृष्टि से यह पांचवा लोकप्रिय फल है। इसका फल स्वादिष्ट पौष्टिक एंव औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पपीता विटामिन 'ए' एंव 'सी' से भरपूर होता है। पपीते का फल उदर रोगियों के लिए अचूक औषधी का काम करता है । इसके कच्चे फलों से प्राप्त लेटेक्स से पपेन नामक एंजाइम तैयार किया जाता है, जिसकी औषधीय एंव औद्योगिक महत्ता है। राजस्थान में इसकी खेती भीलवाड़ा, भरतपुर, चित्तौरगढ़, दौसा, जयपुर, करौली व उदयपुर में की जाती है।  जलवायु (Climate) पपीता एक उष्ण जलवायु का पौधा है। गर्म एवं नम जलवायु इसके लिए अनुकूल है। पाला पपीता के लिए बहुत हानिकारक होता है । इसके लिए खुली धूप के साथ पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए। अधिक वर्षा वाले क्षेत्र पपीते की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। भूमि (Soil) इसकी सफल खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम रहती है। ...

अमरूद की उत्पादन तकनीक (Production Technology of Guava)

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परिचय  (Introduction)    अमरूद वानस्पतिक नाम - सिडियम ग्वाजावा कुल - मिर्टेसी उत्पत्ति स्थान - मेक्सिको गुणसूत्रों की संख्या - 2n=22  खाद्य योग्य भाग -  थैलमस व पेरिकार्प  हमारे देश में अमरूद एक लोकप्रिय फल है। यह विभिन्न प्रकार की मृदाओं एवं जलवायु में पैदा किया जा सकता है। अत्यन्त सहिष्णु स्वभाव के कारण इसे बहुत कम देख रेख की आवश्यकता पड़ती है। उत्तरी भारत में अमरूद की वर्ष में तीन बार फसल ली जा सकती है। इसके ताजा फल विटामिन ‘सी’ के अतिरिक्त कैल्शियम, फास्फोरस एवं पैक्टिन के अच्छे स्रोत है। अमरूद के फल से परिरक्षित पदार्थ जैसे जेम, जैली, चीज, टॉफी आदि तैयार किये जाते है।   पोषण मूल्य (Nutritional value)  क्र. सं   अवयव   मात्रा / 100 ग्राम   1.   कार्बोहाइड्रट      14.3 ग्राम   2.   प्रोटीन     2.6 ग्राम   3.   वसा  ...

"माल्टा की उत्पादन तकनीक" (Production Technology of Sweet Orange)

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प्रस्तावना (Introduction ) माल्टा (sweet orange)का वानस्पतिक नाम सिट्रस साइनेसिस एवं कुल रूटेसी तथा उत्पत्ति स्थान चीन हैं। नींबू प्रजाति के फलों के विभिन्न समूहों में माल्टा समूह के फलों का छिलका पतला व गूदे से चिपका हुआ होता है। इसके फलों का रस मीठे के साथ-साथ अम्लीय (खट्टा-मीठा) होता है। इसका फल अत्यन्त पौष्टिक व गुणकारी होने के कारण बच्चों व बीमार व्यक्तियों को इसका रस पिलाया जाता है। इसमें विटामिन सी प्रचूर मात्रा में होता है। यह विटामिन ए व बी का भी अच्छा स्त्रोत है। जलवायु (Climate) माल्टा उष्ण व उपोष्ण जलवायु का पौधा है। माल्टा के लिए ऐसी जलवायु अच्छी है जिसमें गर्मी मे अधिक गर्मी व सर्दी मे अधिक सर्दी पड़ती हो। शुष्क एंव अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में जहाँ सिंचाई का स्थाई साधन हो उच्च कोटि का माल्टा उगाया जा सकता है। उत्तरी भारत में जहाँ सर्दी में तापक्रम 16-20° सेल्सियस तक होता है, फलन में सुविधा रहती है। माल्टा ब्लड रेड का लाल रंग सर्दियों के ठण्डे तापमान में ही विकसित होता है। राजस्थान में श्री गंगानगर जिले में माल्टा की खेती व्यावसायिक स्तर पर होती है। यहाँ का ब्लड रेड माल्टा व...